Friday, June 19, 2020

नक्शा विवाद: नेपाल के उच्च सदन में संशोधन बिल पास, समर्थन में 57 वोट मिले

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नक्शा विवाद: नेपाल के उच्च सदन में संशोधन बिल पास, समर्थन में 57 वोट मिले



नेपाली संसद के उच्च सदन ने गुरुवार को सर्वसम्मति से नए मानचित्र संशोधन बिल (कोट ऑफ आर्म्स) प्रस्ताव को पारित कर दिया। प्रस्ताव के समर्थन में 57 वोट पड़े जबकि खिलाफ या निरस्त के नाम पर कोई वोट नहीं पड़ा। बात करते हैं, यही वह प्रस्ताव है जिस पर भारत और नेपाल के बीच मानचित्र विवाद सामने आया है। यह प्रस्ताव पहले बुधवार को पारित किया गया था लेकिन इसे बढ़ाकर गुरुवार कर दिया गया था।

अभी हाल में नेपाल की प्रतिनिधित्व सभा ने राजनीतिक प्रशासनिक मानचित्र से संबंधित एक विधेयक को मंजूरी दी थी। इसमें भारतीय जमीन के हिस्से शामिल किए गए हैं। इस पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की थी।

नेपाल की ओर से पारित संशोधित नक्शे में भारत की सीमा से लगे लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा क्षेत्रों पर अपना दावा किया गया है। भारतीय मानचित्र में ये सभी हिस्से उत्तराखंड में पड़ते हैं। बता दें, ये सभी इलाके भारत के लिए रणनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हैं।

नेपाल की प्रतिनिधि सभा ने 13 जून को नक्शे से जुड़े संविधान संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से मंजूरी दी थी। संसद में चर्चा के दौरान लगभग सभी दलों ने इस पर सहमति जताई। नेपाल के कानून मंत्री शिवमया तुंबाहंफे ने यह विधेयक पेश किया था, जिसके जरिए राष्ट्रीय प्रतीक में भी नक्शे को संशोधित किया गया है।

भारत और नेपाल सीमा पर लिपुलेख और कालापानी पर चल रहे विवाद के बीच उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के धारचूला से लिपुलेख तक भारत ने 80 किलोमीटर की सड़क बना रखी है, जिससे कैलाश मानसरोवर की यात्रा जो 21 दिन में पूरी होती थी वह अब महज एक है दिन में पूरी हो जाएगी। यह सड़क बनने के बाद नेपाल और भारत के बीच विवाद गहरा गया है।
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